यूपी में सीनियर आईएएस अफसर और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय प्रसाद को प्रमुख सचिव गृह और प्रमुख सचिव सूचना, दोनों की जिम्मेदारी दी गई है. इस तरह 1995 बैच के आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद संजय प्रसाद अब उत्तर प्रदेश के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह बन गए हैं.
नई दिल्ली: सीनियर आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय प्रसाद अब उत्तर प्रदेश के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह (ब्यूरोक्रेट) बन गए हैं. संजय प्रसाद को अब उस पद की जिम्मेदारी दी गई है, जो अब तक अवनीश अवस्थी संभालते थे. 1995 बैच के आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद माने जाने वाले संजय प्रसाद को गृह और सूचना जैसे प्रमुख विभागों का प्रभार दिया गया है. बता दें कि संजय प्रसाद पहले से ही मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव हैं.
अब सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट बन गए प्रसाद
यूपी में अब तक के दो सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट अवनीश अवस्थी और नवनीत सहगल ने संजय प्रसाद के लिए यह रास्ता बनाया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में सूचना विभाग को संभालने वाले नवनीत सहगल को खेल (स्पोर्ट्स) में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि गृह संभालने वाले अवनीश अवस्थी 31 अगस्त को रिटायर हो गए. उन्हें केंद्र द्वारा कोई सेवा विस्तार नहीं दिया गया. यह यूपी की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव है. एक सूत्र ने कहा कि संजय प्रसाद की छवि एक ईमानदार और कुशल अधिकारी की रही है.
सीएम योगी के भरोसेमंद माने जाते हैं संजय
संजय प्रसाद 2019 से ही पहले सचिव और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रधान सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं. यूपी सरकार के सूत्रों ने News18 को बताया कि उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में देखा जाता है. मुख्यमंत्री कार्यालय में उनकी अहम भूमिका के अलावा संजय प्रसाद को गृह और सूचना दोनों का प्रभार दिया गया है. बता दें कि साल 2020 में अवनीश अवस्थी से सूचना सचिव का पोर्टफोलियो ले लिया गया था और नवनीत सहगल को सूचना सचिव की कमान सौंपी गई थी. क्योंकि हाथरस की घटना की वजह से सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी थी.
गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में दे चुके हैं सेवा
संजय प्रसाद ने पहले फैजाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, बहराइच, लखीमपुर खीरी और महराजगंज जैसे प्रमुख जिलों के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया है और 1999 से 2001 तक गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में भी कार्य किया है. उनके बारे में कहा जाता है कि तभी वह योगी आदित्यनाथ की नजर में आए थे. योगी आदित्यनाथ 1998 में गोरखपुर के सांसद बने थे
हालांकि, संजय प्रसाद के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बात यह है कि 2019 में इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सचिव के रूप में उनका प्रदर्शन और उन्होंने राज्य में इन्वेस्टर समिट के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संजय प्रसाद सीएमओ की ओर से राज्य में कोरोना संकट के प्रबंधन में भी शामिल थे. रक्षा उत्पादन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में केंद्र में चार साल तक सेवा देने के बाद सीएम योगी उन्हें 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लाये थे. 52 वर्षीय अधिकारी संजय प्रसाद भूगोल से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और बिहार के रहने वाले हैं.