अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) राजस्थान के दूसरे बड़े विश्विद्यालय जय नारायण व्यास विश्विद्यालय जोधपुर (JNVU Jodhpur) के छात्र नेता हैं। अरविंद सिंह भाटी साल 2022 में होने जा रहे छात्रसंघ चुनावों में यूनिवर्सिटी अध्यक्ष के उमीदवार हैं। अरविंद सिंह भाटी साल 2013-14 से छात्र राजनीति से जुड़े हुए हैं। अरविद सिंह भाटी जैसलमेर जिला परिषद से जिला परिषद सदस्य का चुनाव भी लड़ चुके हैं। आज हम इस लेख में अरविंद सिंह भाटी के जीवन परिचय (Biography of Arvind Singh Bhati) के बारे में बात करेंगें
रविंद्र सिंह भाटी का जीवन परिचय/ Biography
अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) का जन्म 24 मई 1995 को राजस्थान के जोधपुर में भाटी राजपूत परिवार में हुआ था। अरविंद सिंह भाटी जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील के अवाय गांव के रहने वाले हैं। अरविंद सिंह भाटी के पिता का नाम अजयपाल सिंह भाटी हैं, जो एक व्यापारी और पूर्व सरपंच भी हैं। उनकी माता का नाम सुख कंवर हैं, जो अवाय ग्राम पंचायत से वर्तमान में सरपंच हैं। अरविंद सिंह भाटी के 1 भाई और एक बहन हैं, इनकी बहन डॉक्टर प्रवीण भाटी जेएनवीयू से पीएचडी होल्डर हैं। इनके भाई राजेन्द्र सिंह भाटी इंजीनियर हैं और वर्तमान में कनाड़ा में कार्यरत हैं।
अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) की प्रारम्भिक शिक्षा उनके पैतृक गांव अवाय के सरकारी स्कूल से हुई। अरविंद बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। कक्षा 5 के बाद अरविंद सिंह भाटी का दाखिला जोधपुर की पंचवटी छात्रावास में करवाया गया और उन्होंने आगे की पढ़ाई पावटा की आदर्श विद्या मंदिर स्कूल से की। कक्षा 10 वीं से कक्षा 12 वीं तक पढ़ाई अरविंद सिंह भाटी ने चौपासनी की एशियन स्कूल से की, साल 2013 में उन्होंने 12 वीं में अपनी स्कूल में भी टॉप किया था।
अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) ने साल 2013 में उच्च शिक्षा के लिए जोधपुर की जय नारायण व्यास विश्विद्यालय (JNVU) में दाखिला लिया, यहां से उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई शुरू की। इस दौरान अरविंद सिंह भाटी हनुवंत राजपूत छात्रावास में रहने लगे। 2014 में अरविंद सिंह भाटी ने जेएनवीयू की लॉ फेकल्टी से BA LLB कोर्स में एडमिशन लिया, जहां उनको अपने सहपाठी के रूप में स्व. भोमसिंह खारा (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष 2014) मिले। अरविंद सिंह भाटी ने भोमसिंह खारा के साथ ही अपनी छात्र राजनीति शुरू की।
अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) ने पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रहे स्व. भोमसिंह खारा के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी में छात्र हितों के लिए संघर्ष किया। भोमसिंह के अलावा अरविंद सिंह भाटी के 2 अन्य सहपाठी भी आगे चलकर जेएनवीयू के अध्यक्ष बने, वो कुनाल सिंह भाटी (छात्रसंघ अध्यक्ष 2016) और रविन्द्र सिंह भाटी (छात्रसंघ अध्यक्ष 2019)। अरविंद सिंह भाटी लगातार अपने साथियों के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी में हर गतिविधियों में शामिल रहते थे।
अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) पिछले 8 सालों से JNVU में पढ़ाई कर रहे हैं और साथ में छात्र हितों के लिए संघर्ष भी कर रहे हैं। उन्होंने अपने तीनों सहपाठी छात्रसंघ अध्यक्षों के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी में काफी काम किया, चाहे वो शिक्षण से जुड़ा हुआ हो या फिर यूनिवर्सिटी की आधारभूत समस्याओं से जुड़ा। अरविंद सिंह भाटी यूनिवर्सिटी में होने वाले हर एक छोटे से आंदोलन में मुख्य भूमिका में शामिल रहते थे। अरविंद सिंह भाटी ने कई बार धरना प्रदर्शन भी किए।
साल 2019 में अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) ने जेएनवीयू से BA LLB की पढ़ाई पूरी कर ली, उसके बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र से एमए की पढ़ाई शुरू कर दी। 2019 में अरविंद सिंह भाटी छात्रसंघ चुनावों में रविन्द्र सिंह भाटी के समर्थन में कार्य रह रहे थे, इस चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसके बाद वो रविन्द्र सिंह भाटी के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी की हर छोटी सी समस्या के लिए संघर्षरत हैं।
साल 2020 में कोरोना जैसी महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद रहे, इस दौरान अरविंद सिंह भाटी अपने गांव अवाय में रहकर सामाजिक कार्य करना शुरू कर दिया। उनकी मां सुख कंवर साल 2020 में अवाय ग्राम पंचायत से सरपंच चुनी गई थी। वो अपनी मां और अपने पिता पूर्व सरपंच अजयपाल सिंह भाटी के साथ मिलकर अपने गांव में सेवा कार्य करने लग गए।
साल 2020 जिला परिषद के चुनाव हो रहे थे, अरविंद सिंह भाटी को कांग्रेस ने जैसलमेर जिला परिषद के सबसे बड़े वार्ड नम्बर 17 से उमीदवार बनाया। इस चुनाव में अरविंद सिंह भाटी को युवाओं का भरपूर सहयोग मिला। इस चुनाव में अरविंद सिंह भाटी को कुल 9498 वोट मिले, हालांकि वो महज 900 वोटों से इस चुनाव में पीछे रह गए, यह अरविंद सिंह भाटी के जीवन का पहला चुनाव था। शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अरविंद सिंह भाटी फिर वापस JNVU आ गए, क्योंकि अब कोरोना के बाद यूनिवर्सिटी फिर से खुल गई थी।
इस साल हो रहे छात्रसंघ चुनावों में अरविंद सिंह भाटी NSUI से छात्रसंघ अध्यक्ष की दावेदारी पेश कर रहे थे, लेकिन NSUI से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने समाज और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटी के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैंसला किया हैं, क्योंकि वो लगातार पिछले 8 सालों से यूनिवर्सिटी में संघर्ष कर रहे हैं। अरविंद सिंह भाटी ग्रामीण इलाके से है, इसलिए उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले हर छात्र की एक छोटी से छोटी समस्या भी पता है। वो गांवों से शहरों में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की भी हर छोटी समस्या से भी वाकिफ़ हैं। अरविंद सिंह भाटी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं, उनके सोशल मीडिया साइट्स पर हजारों की संख्या में फॉलोवर्स हैं।
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