10वीं बार विधायक चुने गए सपा नेता आजम खां ने सोमवार को विधायक पद की शपथ ली। इसके बाद वह विधानमंडल की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए और रामपुर वापस लौट गए। आजम को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शपथ दिलाई। आजम के साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी शपथ ली।
शपथ ग्रहण के बाद आजम ने विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। लखनऊ दौरे पर आजम खां ने स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं कहा पर जब उनसे पूछा गया कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उनका हालचाल क्यों नहीं लिया? इस पर आजम खां ने तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि उनके पास मेरा नंबर न हो।
आजम खां करीब 27 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। इस दौरान उनसे जेल में शिवपाल सिंह यादव और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुलाकात की पर अखिलेश यादव मिलने नहीं गए। जिसके बाद से आजम के सपा से अलग होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। हालांकि, अखिलेश यादव ने सोमवार को अब्दुल्ला आजम से मुलाकात की।
आजम खां सपा के एक कद्दावर नेता माने जाते हैं। वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं और मुस्लिम समाज में लोकप्रियता के कारण वह सपा व कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सपा से अलग होने के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।
आजम के साथ ही उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी विधायक पद की शपथ ली। अब्दुल्ला सदन की कार्यवाही में शामिल जरूर हुए पर अपनी सीट पर शांत होकर बैठे रहे। उन्होंने सपाइयों के साथ योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी नहीं की।