The last village before Kailash : भारत-नेपाल-चीन सीमा पर लगे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील की व्यास घाटी का ये खुबसूरत गांव है ‘ कुटी ‘। कुटी गांव, आदि कैलाश से पहले पड़ने वाला आखरी गांव है और समुंद्र तल से लगभग 4000 मीटर की

बहुत से लोग पहाड़ों में पलायन की बात करते हैं पर यहां के लोग ऐसे अति दुर्गम स्थानों में रहने बावजूद वापस अपने गांवों में आना पसंद करते हैं, जबकि उत्तराखंड में शहरो के आसपास के गांव वाले जब शहर जाते हैं तो ज्यादातर कभी वापस ही नहीं आते।
पिथौरागढ़ के दूर हिमालय के ये गांव वाले लोग अपनी मिट्टी से अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं मीलों पैदल चलकर भी वापस अपने गांव आते है। वैसे अभी कुछ समय पहले ही सड़क कई गांवों तक आ गई है।
यहां अभी भी न लाइट है न मनोरंजन का कोई आधुनिक साधन। सीमा पर होने की वजह से मोबाइल फोन के टावर भी अभी यहां नहीं लगे है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसी जगह पर कोई कैसे सकता है जहां ऐसा कुछ भी न हो जो आपका मनोरंजन कर पाए तो उसके लिए इन्होंने खुद ही इतना बड़ा लूडो बनाया हुआ है जो यहां आप इस चित्र में देख रहे हैं।
कैलाश से पहले पड़ने वाला आखरी गांव : The last village before Kailash
शहरो में रहते हुए आप तमाम सुख सुविधाओं के होते हुए दुखी रहते हैं और दूर हिमालय में ये लोग कम सुविधाओं के बावजूद भी सुखी रहते हैं और लंबा जीवन जीते हैं।
शहरो में रहकर पलायन पर दुख मत कीजिए और हो सके तो साल में एक आध बार अपने गांव जरूर जाइए।
Kuti Village, Uttarakhand